
प्रेरणा
चले जो रस्ते, संकोच मिटाए,
सपनों के चित्र, नित नए बनाए।
थक कर न रुकना, संघर्ष करना सिखा,
हर दीवार को तुम, आसमान बना।
आंधियों में जो दीप जलाए,
उम्मीद के तराने, मन में समाए।
सपनों की ऊँचाई, हर एक हासिल हो,
प्रेरणा की ज्योति, हर दिल में बसती हो।
खुद पर विश्वास रखो, आगे बढ़ो सदा,
हर कठिनाई में छुपा है नया सवेरा।
जब तुम मुस्कुराते हो, संसार भी साथ है,
प्रेरणा की राह में, सच्चा सखा हाथ है।
चलो मिलकर हम, नया इतिहास रचें,
एक अच्छी दुनिया, हम सब मिलकर सजाएँ।
प्रेरणा की इस चिंगारी को जलाए रखो,
सपनों की उड़ान में, कभी न थक जाओ।
-कवि लोकेश
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