जब जीवन में हो असफलता का संघर्ष,
तब याद करो एक अद्वितीय संवाद।
वो है उस आदमी का जिसने किया जो कठिनाई,
उसने बनाईं क्षणिकता में खुशियों की लाइन।
जिंदगी की हर कठिनाई को तुम संभालो,
आत्मविश्वास और हौसला बढ़ालो।
क्योंकि सूरज का उगना है हमें सिखाता,
हारना नहीं है, हारेंगे नहीं हम।
अपने सपनों को सच करने की चाहत करो,
समझो कि तुम नहीं हो अकेले किसी भी फसल को हौनहार करो।
आज का दिन है तुम्हारा, कल कोई नहीं जानेगा,
इसलिए खुलकर जीतो और अपने आप को परिवर्तित करो।
चाहे जो भी हो, ज़िंदगी भर संघर्ष का सफर,
इंसान को दिखा दे इन्स्पिरेशन का उजाला अब।
संघर्ष को मुट्ठी में कर, उसे जीत के नमकीन बनाओ,
मिलेगी तुम्हे विजय की मिठास, जो सदैव तुम्हारा साथ देगी संजीवनी का सुगंध।
-कवि लोकेश
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