
जगमगाती रातों में उजाला हूँ,
मुंह उठाकर आसमान की ओर देखो अब तुम।
मन की भावनाओं को साकार करता हूँ,
हर सपने को हकीकत में बदलता हूँ।
उड़ान भरने की आग में जलता हूँ,
हर चुनौती को स्वीकार करता हूँ।
जीवन के सफर में मेरा साथ दो,
मैं हूँ तुम्हारी होशियारी और खो।
चाहे जितनी हो मुश्किलें सामना,
मैं हूँ तुम्हारी राहों में रोशनी का सागर।
हौसलों की चिंगारी हूँ मैं,
जिंदगी की राह में तुम्हें मिलूँ।
सपनों की उड़ान भरने की मोहताजी,
आओ मिलकर करें साथ में सिद्धांतों का संकल्पी।
हो सकती है असफलता, हार या जीत,
लेकिन गिरते हुए उठने की हौसला मुझमें भरी है आसी।
इंसान की उम्मीदों का करवाही,
मुझमें ताकत और तुम्हारी आत्मा में जान।
जगमगाती रोशनी की सीहरा हूँ,
जागरूकता की भावना से मेरा संग हो।
आओ मिलकर जीत के सागर पार करें,
मैं हूँ तुम्हारी आत्मा का संघर्ष और प्रेरणा का श्रोत।
-कवि लोकेश
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