जीवन के रास्ते में खो गया है,
इन्स्पिरेशन की तलाश में भटक गया है।
कहीं दौड़ना चाहता है,
कहीं बढ़ना चाहता है।
पर इंसान खुद को ही भूल गया है,
उसकी मंजिल किसी से चुक गई है।
मिले नहीं राही कोई मुसाफिर,
हर कोने में बस तंगी मिली है।
पर इंस्पिरेशन से मिलेगी राह,
खोज रहा है वो उसे बिना शर्मा।
जलने और डरने से बेहतर है,
आगे बढ़ने में ही सफलता है।
जीवन की उड़ान भरकर तैयार हो जाओ,
ज़िंदगी की हर मुश्किल को पार करके दिखाओ।
जो सपने सपने तेरे होंगे,
उन्हें पूरा करने में ही खुशियां होंगी लहराती।
-कवि लोकेश
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