हर कदम पर रोशनी है तुम्हारी,
तुम हो मेरी मुस्कान की भावना।
मेरी रुखसती आँखों में आब तुम,
मेरा आसमान बनो और मेरी परवानगी।
तुम्हारी उत्साही चिंगारी से,
मेरे मन में उन्मुक्त करें ज्वारी।
तुम हो वो किरण जो बदल दे सभी,
तुम मेरा सहारा, तुम मेरा उजाला।
तुम्हारे प्रेरणा से मैं बढ़ता हूँ,
ताकत मिलती है आगे बढ़ने की।
जीने का मतलब सिखाते हो तुम,
तुम मेरी भीड़ हो, तुम मेरी सिपाही।
सोच का तुम हो सहारा, शब्दों का तुम हो संगीत,
तुम मेरी मुस्कान, तुम मेरी अद्भुत गति।
तुम हो मेरी यात्रा की साथी,
तुम मेरा प्रेरणा, तुम मेरा उद्दीपन।
-कवि लोकेश
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