उठो और चलो, क्यों घिरे हो अंधकार में,
चिंगारी बनकर जलो, खो दो अपना डर मिटा,
हौसला मत हारो, मिलेगी सब राह,
जगाओ अपनी रौशनी, बनो जिन्दगी का सितारा।
कोई रूका नहीं, चलते रहो साथ,
खुद से जीतो, पाओ अपना मार्ग,
जिंदगी की राहों में, खोजो नई दिशा,
जो भी चाहो कर सकते हो, तुम अपने सपनों का विस्तार।
जगा दो अपनी ताक़त, जीतो अपने सपने,
हर मुश्किल को पार कर जीतो जीवन की खेलने।
अपने जज्बे में धर्म करो, खुदा का बंधी अर्थ,
लोग जले हमेशा ऐसे जानोँ के जीता खोया हार।
-कवि लोकेश
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