हर दिन कोशिश करो नयी,
जीवन को भरो रोशनी से सजी।
हो मन में उद्दीपन की आग,
लौट आएगी मुस्कान अगर तुम मानो न साग।
सोचो क्या करना है आगे,
हो शांति से भरपूर हर पल तुम्हारे साथ ये साग।
हर कठिनाई है एक पहचान,
चुनौतियों से मिलती है तुम्हें मिलती निरंतर संप्रेरणा।
क्यों न मन में यह सोचो कि,
होना है तुम्हे अनमोल उत्कृष्ट व्यक्तित्व के साग।
सोचो, करो, नियति में विश्वास पूर्ण,
हो जाओ तुम अपनी जिंदगी के लिए सर्वोत्तम।
चलो आगे बढ़ो और प्रेरणा से जीतो,
होने की मुक्ति आ जाएगी, बस निरंतर कदमों में देता है सर्वशक्तिमान उपदेश।
-कवि लोकेश
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