एक ज्ञानी आदमी से लेना है सिख,
उसकी कथाएं हैं मेरी प्रेरणा की भिख।
जीवन की मध्यभूमि पर खड़ा हूँ अब,
उस उन्नति की ओर बढ़ रहा हूँ मैं दो कदम।
उसके परिचय से मिली मोती उपहार,
आगे बढ़ने का मिला मुझे सहारा।
उसके उज्ज्वल ज्ञान से भर गया मन,
उसे देखकर होती है मेरी रोमांचक जीतनी।
विचारों की मंजिल को पाने की विश्वास,
उसी अद्भुत व्यक्ति की मेरी अवस्था का है सारंग।
जिन्दगी के सफर में मिलती है मुझे साथ,
उस प्रेरणा देने वाले ज्ञानी का।
एक आदमी जो बन गया मेरी जीवन की उड़ान,
वो है मेरी प्रेरणा, वो है मेरा मंत्रमुग्ध कविता करने के लिए।
-कवि लोकेश
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