प्यार की राह में चलते-चलते,
मिले हम एक दूजे से बिछड़ते-बिछड़ते।
हर पल तुम्हारे साथ रहा,
बिना तुम्हारे मुस्कान खो गया।
तुम्हारी आँखों में छुपा,
मेरा सबसे प्यारा ख्वाब था।
प्यार की दास्ताँ सुनाऊं,
तुम्हें पाने को कितना तड़पाऊं।
तुम्हारी मोहब्बत में खो जाऊं,
मेरे दिल को तुम्हारे प्यार में उतार जाऊं।
ये प्यार है मेरी बातों की जुबान,
तुमसे मिलने का है कितना अब अरमान।
तुम्हारे बिना मेरा जीना है अधूरा,
तुम्हें पाकर हुआ मैं सचमुच किरदार अद्भुत।
प्यार का ये आलम अनदेखा है जनाब,
तुम्हें पाने के लिए मैं तो तैयार हूँ खुद को लबालब।
तेरा प्यार मेरे दिल को छू गया है,
अब तेरा ही नाम है मेरी जिन्दगी की जान।
– लव्र हिमांशु
-कवि लोकेश
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