
प्रेम की रेखाएँ
तेरे बिना, मेरी ज़िंदगी सुनसान,
तेरी मुस्कान में छुपा है सारा आसमान।
तेरे नाज़ुक हाथों का छूना,
जैसे बहार की पहली हवा का सुखना।
तेरे ख्वाबों में बसी है एक दुनिया,
जहाँ आजकल दिल में उमड़ती है गहराई।
तेरी बातों में छुपा है जादू,
हर लम्हा हो जाता है खूबसूरत और साधू।
तू जैसे चाँद, मैं तारे की चमक,
तेरे प्रेम में बसी है हर एक धड़क।
तेरा नाम लूँ ज़ुबां से बार-बार,
तेरे साथ मिले, तो हर दर्द हो बेकार।
सूरज की किरणों में तेरी याद,
चाँदनी रातों में तेरा साथ।
प्रेम की इस रेशमी कहानी में,
हमेशा रहेगी तेरा मेरा फसाना यही।
तेरा प्रेम, मेरी शक्ति,
हर सुख-दुख में तू ही है मेरी भक्ति।
इस दिल के हर एक कोने में,
तू है बसी, मेरी ज़िंदगी की रोशनी में।
-कवि लोकेश
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