
प्रेम का रंग
तेरे बिना, ये मन उदास है,
तेरी हंसी, जैसे चाँद की आस है।
तेरे साथ, बहारों का मौसम,
तेरे बिना, हर सांस है एक किस्मत का अक्स है।
तेरे नयनों में, छिपा है जादू,
तेरे स्पर्श में, मिलता है राहत का साजू।
हर लम्हा, तेरा एहसास है,
मेरे दिल का तू, सबसे खास है।
दिल की गहराई में, बस एक नाम है,
तू ही तो, मेरा सच्चा प्रणाम है।
हर धड़कन में, होती है तेरा नाम लिखा,
तेरे प्रेम के बिना, सब कुछ अधूरा सा निकला।
तेरे संग, चलते हैं सपनों के रस्ते,
तेरे बिना, वीराने में हैं अनकही बातें।
प्रेम का ये रंग, कभी फीका न होगा,
हमेशा रहेगा, ये बंधन कभी तोड़ न होगा।
-कवि लोकेश
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