
प्रेम की रीत
चाँदनी रात में तेरा जो चेहरा,
हर एक पल में बसी है मेरे भीतर गहरा।
तेरी हंसी में काश, हो कोई जादू,
हर ग़म को भुला दे, करे दिल को खुशी का ताज़ा साज़।
तेरा साथ जैसे सावन की बूँदें,
सपनों का संसार, वादियों की जादूई कूँजें।
तेरे बिना सूना ये जग सारा,
तू हो जब पास, लगता हर रंग है प्यारा।
तेरी बातों में बसी है शांति,
जैसे बहार में महके हर रंग की बूटियाँ।
तू ही है मेरा पहला नज़ारा,
तेरे बिना अधूरा सा हर एक सवेरा।
प्यार का ये रिश्ता, ना कोई मोहजाल,
दिल से दिल तक है, यही असली हाल।
तू है मेरी खुशियों की वजह,
तेरे साथ बिता हर लम्हा, है एक अनमोल सफर।
तेरे संग बिताए हर खुशी के पल,
बस तेरा आंचल, मेरा हो कह देने का हल।
इस प्रेम की रीत, सदा बनी रहे,
तू और मैं, सदियों तक यूँ ही जुड़े रहे।
-कवि लोकेश
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