
प्रेम की सुंदरता
चाँदनी रात में, तारे खिलते हैं,
तेरे बिना ये सब, अधूरे लगते हैं।
तेरी मुस्कान में, सारा जहां बस जाता है,
दिल के इस कोने में, मेरा प्यार छुपा रहता है।
सपनों की बातें, धीरे से बुनते हैं,
तेरे नाम के गीत, जुगनू बन जलते हैं।
तेरे होंठों की खुशबू, बागों में महके,
हर सुबह तेरी याद, दिल के दर पे धड़कें।
जब तू पास होती, हर दर्द भुला जाती,
तेरे बिना ये मन, तन्हाई से कटा रहता।
तेरे साथ की ख्याली, जलती दीयों जैसी,
इस बंधन में बंधे, जैसे सत्या भी भवानी।
जीवन के हर मोड़ पर, तेरा साथ चाहिए,
तेरे बिना हर खुशी, अधूरी सी लगे।
प्रेम की इस धारा में, बहते रहेंगे साथ,
तेरे संग गुज़ारें, हम सौ साल की रात।
-कवि लोकेश
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