तुम्हारे बिना ये दिल अकेला सा लगता है,
जैसे खोया हुआ तारा रात भर नैनों में पलकों में चमकता है।
तुम्हारे साथ रहकर ज़िंदगी का मतलब पता चला,
अब तुम्हारे बिना हर दिन काला, हर रात उदास लगता है।
मेरी साँसों में अब तुम्हारी खुशबू नहीं है,
जैसे गुमशुदा हुआ खोया हुआ परिंदा आसमान में घूमता है।
फिर से मिलना चाहता हूँ मैं तुम्हारे साथ,
लेकिन अब मेरे होंठों पर सिर्फ तुम्हारा नाम आता है।
इस ब्रेकअप का दर्द मेरे दिल को चुराता है,
तुम्हारे बिना एक जगह बसाने की कोई आस नहीं आता।
लेकिन एक दिन शायद हमारी मुलाकात हो जाए,
फिर से आपसे बात करने का मन करता है, तुम्हारा हाथ पकड़ने का मन करता है।
-कवि लोकेश
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