
प्रेम का रंग
तेरे नाम की खुशबू, मेरे दिल में बसी,
जैसे चाँदनी रात हो, और सागर की लहरें ताज़गी.
तेरी हँसी के साथ, बुनता हूँ ख्वाब,
तेरे बिना हर पल है, जैसे सूना जवाब।
तेरे नयनों की गहराई, जैसे गहरे समंदर,
बातों में तेरी मिठास, जैसे गुड़ की डंडер।
तू संग हो जब मेरे, हर दर्द कट जाए,
तेरे प्यार की रोशनी में, अंधेरा भी मुस्कुराए।
हर लम्हा, हर घड़ी, तेरा इंतज़ार करूँ,
तू जो पास हो, खुदा से भी आरज़ू करूँ।
तेरे बिना ये जीवन, जैसे एक बंजर,
तेरे साथ में सजे, हर सफर जैसे अद्भुत मंजर।
चले जब ये बादल, बरसता प्रेम का पानी,
तू और मैं, बस एक, दिल में हो सुहानी।
यही है मेरी दुआ, यही है मेरी चाह,
तेरे प्रेम का रंग, सजे हर साज में चाह।
-कवि लोकेश
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