तेरे बिना जीना अधूरा सा लगता है,
तेरा साथ छूटा हमसे, दिल को हजारों भार है।
मोहब्बत की मिठास अब दर्द में बदल गई,
हमारे बीच की दूरियां अब लम्बी और अजनबी सी स्थिति है।
तू मेरे दिल का प्राण था, अब वो धड़कनें भी कहाँ,
हमारा प्यार का सफर अब कैसे दिखाए खाली सिटियों में, समय से समय की मिटटी में बिखरा हुआ।
खुशियों की बारिश थी तेरे साथ हर क्षण,
आज वीरान लगती है वो जगहें, प्यार और तकलिफ का संगम स्थान।
चाँदनी रातों में होती थी हमारी बातें ख़ास,
अब लगता है अनकहे सवालों से है मेरा जीना जखमी।
तू मेरी ज़िन्दगी की खुशियों की वजह था,
माँगता जब भी खुदा, तेरे सिवा कुछ न मिलता था।
अब तुझसे मुलाक़ातें भी ऐसी अजीब लगती हैं,
बहुत कुछ कहना है, पर एक दूसरे की खामोशी ने हमें अलग कर दिया है।
इस विचार में डूबते हुए, हम चले जाते हैं एक दुसरे से दूर,
बस ख्वाबों में ही मिलते रह जाते हैं, लेकिन जुदा हो जाते है।
इस ब्रेकअप के दर्द में, हमने अपने दिल के दरवाज़े बंद कर लिए,
अब समझा कि प्यार का सच क्या है, वो तो सिर्फ एक ख्वाब है।
लेकिन उम्मीदों की किरण फिर उमड़ आई है हमारे दिल में,
कहीं न कहीं है एक नई मुलाक़ात की आस, जैसे एक नई शुरुआत हो रही है।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.