तेरी यादों से छूट के
अब नजरें मेरी पास तुझे नहीं देख पाती।
तू था मेरा सच, तू था मेरा जीना
पर क्यों तूने किया ये दर्द देना।
तेरे बिना जीना अधूरा सा लगता है
तेरे साथ बिताए लम्हे अब कुछ और सा लगता है।
क्यों तूने छोड़ दिया मुझको अकेला
क्यों तेरे बिना मेरा दिल अब बहेला।
अब तक साथ थे हम, एक-दूसरे के
पर अब तुझसे मिलने का मन करता है मुझे।
क्यों जाने क्यों तेरे साथ बिताए पल
अब तुझे देख कर लगता है मेरा दिल तरसे।
तेरी खुशबू, तेरी मिठास अब भी मेरे दिल में है
पर तू अब मेरे साथ नहीं है।
मेरी जिंदगी का हर पल तुझसे जुड़ा है
पर अब तू मेरे साथ नहीं है।
तेरी यादों से छूट के
अब मेरी जिंदगी में तेरी कोई ज़रूरत नहीं है।
पर तू फिर भी मेरे दिल में बसी है
क्योंकि हमारी ये ब्रेकअप कभी नहीं बदल सकती।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.