इस रिश्ते का अंत आया है,
दिल के अंदर दरारें पैदा हुई है।
तेरे साथ की हर बात याद आती है,
मेरी आँखों में नमी छाई है।
तूने मेरे दिल को तोड़ दिया,
मुझे लगता था तू मेरा साथ निभाया।
क्या कमी रह गई थी मेरी मोहब्बत में?
क्यों छोड़ गया मेरे इस हालत में?
प्यार की बातें अब बेमानी हैं,
तेरे बिना मेरी जिंदगी सुनी है।
कैसे भूला दूँ मैं तेरी यादों को,
तूने कर दिया मेरे दिल को बेरहमी से छोड़।
अब ये रास्ते अकेले चलना पड़ेगा,
तेरी छाया में ही अकेलापन सहेगा।
सोचा था हम एक दूसरे के लिए बने हैं,
पर अब वो बातें बिखरी हुई लगती हैं।
अब कुछ नहीं बचा है इस रिश्ते में,
बस ऐसे ही तुझसे दूरी में।
तेरे बिना मेरा जीना मुश्किल है,
पर तूने तो मेरे दिल का हाल देख कर भी इनकार किया।
आखिर क्यों किया तूने मुझसे दिल की बातों का इंकार?
तूने तो मेरी जिंदगी को तोड़ कर छोड़ दिया।
आज भी तुझे याद करते हैं हम,
पर दिल के दर्द को कैसे छुपाएं हम।
ये रिश्ता था तू और मैं,
पर अब बिना तेरे जीना समझता हूँ मैं।
तूने अपने लिए एक नया जीवन चुना है,
मैं तन्हा भटक रहा हूँ जहाँ तेरी यादें बिखरी हैं।
क्या कहूँ जो दिल से बाहर निकली हो,
तूने तो मेरी जिंदगी का आखिरी पल बर्बाद कर दिया है।
इस बिछड़न का दर्द बर्दाश्त नहीं होता,
पर वो दिन भी याद आते हैं जब हम सजने सवरने गए थे।
आज तन्हा हूँ मैं बिना तेरी यादों के,
पर इस दर्द को कैसे समझाऊँ, कैसे बताऊँ।
बस ये सोच कर जी रहा हूँ कि तू ख़ुश हो,
मेरी सुध-बुध सब छूट चुकी है।
ये तेरा नाता कैसे टूट गया समझ में नहीं आता,
पर इस बिछड़न से मेरा दिल बहुत रो रहा है।
सोचता हूँ कि तुझसे मिलना चाहूँ,
पर तेरी न कोई याद आती है, न कोई नजर आती है।
कैसे भूलूँ तेरे प्यार को,
कैसे जी जाऊँ मैं बिना तेरी यादों के।
तूने मेरी जिंदगी में आग लगा दी है,
अब इस आग को बुझाना मुश्किल है।
आज भी तू मेरे दिल में बसी है,
बस तू ही सहारा बना सकती है।
बोली थी तुझसे ज़िन्दगी भर के लिए,
पर अब तू मेरी जिंदगी से दूर चली गई।
अब कैसे गुज़ारूँ ये तन्हाई के पल,
तेरी यादें मेरे दिल को तोड़ देती हैं।
तूने मेरे दिल को तोड़ दिया है,
अब इस दिल को समेटना मेरी मजबूरी है।
ये ब्रेकअप की धड़कन,
मेरे दिल को चीर कर रही है कान कान।
कैसे भुलाऊँ तुझे मेरे दिल से,
पर इस बिछड़न से मेरा दिल आज भी नहीं भरा है।
बिछड़ने की दर्दनाक कहानी,
अब हमें दिल से भूलकर गुज़ारनी है।
कोई हमेशा के लिए के लिए बिछड़ गया है,
कोई हमेशा के लिए हाथ छोड़ गया है।
कैसे समझाऊँ ये दिल को,
कैसे गुज़ारूँ ये बिना तेरे हर दिन को।
अब तू मेरा नहीं रहा,
पर तेरी यादें मेरे दिल को सताती रहेंगी।
बिच्छड़ने का दर्द जिन्दगी भर रहेगा,
पर तू कभी नहीं भूला जाएगा।
इस बिछड़न की कश्मकश में मैं फंसा हूँ,
तेरी यादों के तोफान में मैं तबाह गया हूँ।
धड़कन के राहत अब दूर गई है,
तेरे बिना मेरी दुनिया सीने में हलचल गई है।
बैरियत ने सामने आ गई है,
अब तू चाहे हाल्का हो या गहरा गई है।
कुछ भी कहूँ दर्द से भरा होगा,
कितनी धीरज चाहिए मुझको ये सीखाया होगा।
क्यों मिला मुझे तेरे प्यार में धोखा,
क्यों जिद है तेरी इस बिछड़न की नोट बंदी में चुणाव।
तूने डगमगाया मेरे प्यार को,
सोच भला क्या खोया मैं इस बहाने..!!
– गहना
-कवि लोकेश
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