
प्रेरणा की किरण
चमके सवेरे की पहली किरण,
ले आए खुशी, बढ़ाए हिरण।
असमान की ऊँचाइयों को छू,
हर मुश्किल को दें हम जूझना।
बंजर ज़मीन पे फूल खिले,
सपनों की बगिया को हम संजीवनी मिले।
हार न मानूँ, न पीछे हटूँ,
नई राहों पर चलूँ, यही मन में रखूँ।
सपनों की चादर ओढ़ के,
उड़ानों की ऊँचाई साज के।
असफलता का डर न हो,
हर कदम पर यकीन हो।
कर लो मेहनत, ना हो कोई शंका,
हर मुश्किल में छिपा है साक्षात् चैंका।
सपनों की ऊंचाई से ना हो डर,
हर दिन है नया, हर शाम का जलकर।
संकल्प की शक्ति हो जोर पर,
सपने बनेंगे सच्चाई की मोहर पर।
मिलेंगे सफलता के नए रास्ते,
मन में हो जोश, ना कोई फासले।
जीवन का यह सफर खूबसूरत है,
हर कदम पर नई मूरत है।
प्रेरणा की आंधी में उड़ चलें,
सपनों की उड़ान को साथ में पल लें।
-कवि लोकेश
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