अलविदा, प्यार की मनमोहक कहानी


तुम्हारी यादें हैं फिर भी दिल को छूं रहीं,
कैसे भूलूँ तुम्हें, कैसे रोकूँ ये आंसूँ।

हमारी मोहब्बत का था एक अलग ही मज़ा,
पर अब तुम नहीं हो, मेरे साथ नहीं हो यहाँ।

क्यों किया तुमने ऐसा, क्यों तोड़ दिया मेरा दिल,
और अब कैसे जीऊँ, तुम्हारे बिना हूँ मैं विरल।

अलविदा कहना मुश्किल है, तुम्हारे बिना हो कुछ भी नहीं,
पर इस ब्रेकअप का अब कोई वापिस रास्ता नहीं।

स्नेहका लहू मिला है दिल में,
रौशनी फिक्रों की गहराइयों से हटी।

थोड़ी सी आवाज में बिस्तर पे लेटी हो,
अकेले होकर रोती हो,
मेरी खुशी सेभी कम चाहती हो,

लीप देहकी लिये तुम्हारी मन मुझे साथ नही करता है,
लिए हुये बदल गये हो शायद तुम,
मेरे अब वे ख्वाब अधूरे हो रहे हैं।

हिंदी में तुम्हें याद करने के क्या बयां,
जिंदगी में चाहे हो तुम, मगर इद ज़िन्दां।

मेरा दिल तुम्हें कहना चाहे, तुम्हारी अजनबीत,
लड़खड़ा सा जाता है — मेरे लिये तुम वजह न थे, और देतुम्हारी अजनबीत।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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