तुम ने तोड़ दिया मेरा दिल,
चला गया कहीं दूर तुम्हारी चाह में।
बिना किसी वजह के क्यों किया ऐसा,
मेरे सपनों को तुमने तोड़ दिया।
मेरी खुशियों की कीमत न जानी तुमने,
दिल में छेद करके चले गए हो तुम।
क्या था अपने इतनी बुरी जरुरत तुम्हें,
चला गया हो शायद तुमने नये इश्क में।
पर मेरी यादें तुम्हें जरूर सताएंगी,
कितनी बेवफा हो तुम ये भी समझाएंगी।
इस विचित्र जीवन की राहों में,
तुम भी अकेले होकर पछताओगे तुम।
मगर जो हो गया वो हो गया,
तोड़ दी हमारी मोहब्बत को तुमने।
अब तनहाइयों में डूब कर पछताना,
क्या तुम्हें लगता है कि मुझसे दूर चला जाओगे।
बस याद रखना एक दिन फिर मिलेंगे हम,
पर तब शायद तुम देखोगे जुदाई का दर्द हमें।
तब होगी तुम्हें फिर मेरे इस दर्द की कदर,
क्योंकि वो अलगाव था तुम्हारे और हमारे रिश्ते का प्रमुख कारण।
वो ब्रेकअप था होगा तेरे लिए आसान,
मगर मेरे लिए वो एक दर्दनाक चुभा।
बस मेरी ये कहानी तेरा साथ हो,
क्योंकि तू है मेरी दर्द की जड़।
-कवि लोकेश
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