तेरे बिना ये दिल बेहल रहा है,
तुझे खो कर ये मन सहल रहा है।
तुम्हारी यादें बिछी हैं हर जगह,
आँसू बहाने को ये रात दहल रहा है।
तुम्हारी ख़ुशबू छट जाती है ज़िन्दगी से,
क्यों न समझे तुम तो मेरा हाल रहा है।
क्यों कर दिया तुमने मेरी ज़िन्दगी को भरम,
अब तक तुम्हारी ख़बर तो सब कुछ महल रहा है।
अब बस ये दिल रो रहा है तुम्हें याद करके,
तुम्हारे बिना जीना सच्ची में अधल रहा है।
-कवि लोकेश
Discover more from Kavya Manthan
Subscribe to get the latest posts sent to your email.