तुम्हारे बिना जीना है मुश्किल,
मेरे दिल में चुभा है एक कांटा विचलित।
अपनी मोहब्बत को खोकर,
मन में छाई हर अधुरी विचार।
तुम्हारे साथ बिताये पल,
अब खोखले सा लगता है सब।
दिल टूटा, ये तो सच है,
तुम्हें खोकर जी रहे हैं हम बेचैन।
प्यार किया था तुमसे बेवफा से,
अब हर क्षण में है दर्द का आभास।
वादे किए थे सज़ा निभाएंगे,
पर चला गया तुम्हारे बिना वो वक्त जाने।
ब्रेकअप का एहसास है कुछ अलग,
तन्हाई का दर्द, दिल का दुःख गहरा।
मगर जीना तो है आगे,
खुद को संभालना है इस दर्द के सहारे।
समय आने पर सब ठीक हो जाएगा,
वो ख़ुशियाँ वापस आएंगी, ये मैं जानता हूँ।
पर तोड़ना पड़ा है ये रिश्ता,
ब्रेकअप का रोका नहीं पाया कोई किसी को।
पर इतना जरूर समझो,
जिंदगी आगे बढ़ना है,
ब्रेकअप के दर्द को भूलकर।
धरा आसमान मिलकर है साथ,
दिल संजोकर आगे बढ़ना है,
ब्रेकअप के दर्द को भूलकर।।
-कवि लोकेश
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