वो दिन है मेरी जिंदगी का,
जिस दिन तू छोड़ गया मुझको अकेला।
दर्द बन कर बस गया है मेरे दिल में,
तेरी यादों का साया हर जगह है छाया।
तेरी आवाज, तेरी मुस्कान किस तरह भूलूं,
तेरे बिना जीना अब मुश्किल हो गया।
कैसे भूलाऊं वो पल जब तू मेरे साथ था,
वो खुशियां, वो गम सारा अब तेरे बगैर था।
मन करता है तेरी यादों से भाग जाऊं,
पर वो पल दिल भूलने को तैयार नहीं है।
तुझसे मिलने की आशा अब खो गई है,
इस ब्रेकअप के दर्द से दिल हलका नहीं है।
इस अलविदा का दर्द मैं भुला नहीं सकता,
तेरी छाव में खो गया हूं, अब तन्हा हूं।
लेकिन जब-जब तू याद आता है मेरे जीते-जी,
मेरे दिल को चोट पहुंचाता है, ऐ वो हँसानेवाले।
ब्रेकअप का दर्द अब मेरी दास्तान बन गया है,
तेरे बिना जीना अब मेरा इतना कठिन हो गया है।
पर सहना है मुझे इसे, इस ब्रेकअप को,
क्योंकि तू छोड़ कर गया, मुझे तन्हा यहाँ।
-कवि लोकेश
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