अब तुम्हें मेरा साथ नहीं


तुम्हारी यादों के सहारे
अब जीने की चाहत नहीं है।
तुम्हारा ख्याल अब दर्द बन गया है
मेरा दिल अब तुम्हें भूलने की कोशिश कर रहा है।

तेरे बिना जीना मुश्किल है
प्यार का जो वादा था वो अब जाने कैसे टूट गया है।
तुझसे मिलने की ख्वाहिश है मगर
तेरी यादों से बेहतर है कि मैं अकेला रहूँ।

तुम्हारी गलतियों को मैंने माफ़ कर दिया है
लेकिन तुम्हारे गए संग छोड़ देने की ताकत नहीं है।
किसी को भी अपना कह कर तुम से कर लेता हूँ मैं
लेकिन कितना जीता हूँ मैं तुम्हें भूल कर।

ब्रेकअप का दर्द अब नहीं सह सकता
तुम्हें भूलने का पहला कदम उठा लिया है।
जिंदगी की राह में अब तुम्हारी कोई जगह नहीं है
इसलिए अलविदा कहना ही बेहतर है।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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