हंसी का होकर जमाना,
मजेदार है ये बरपाना।
हंसी से भरपूर है जीवन,
आनंद उसमें मिलता धीरे-धीरे।
हंसी का जादू है अनकहा,
सबको बांध देती हर कहानी में नए रंग।
हंसी से भरा है सबकुछ यहाँ,
हंसते रहो, खुश रहो, बहुत खुशियां।
चुटकुले हैं हंसी का तराजू,
उसमें खो जाओ और पाओ हंसी का सच।
रूह में बसे ये हंसी का फल,
हंसते रहो बस, यहाँ जीवन का काम।
हंसी का असर है ख़ूबसूरत,
चेहरे पर आती खुशियों की छाई।
हंसो और हंसाओ, खुद को भूल जाओ,
बस यही मन्त्र है, हंसी का राजी।
-कवि लोकेश
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