विच्छेद की अंगड़ाई (Vichhed ki Angdaai)


दिल टूट जाने का दर्द,
कितनी मुश्किल से सहा है।
तुमसे मिलने की हर दिन,
कितना इंतजार किया है।।

तुम्हारे बिना जीना मुश्किल,
कैसे ये जीने की राह चला।
हर दिन तुम्हे याद करके,
कैसे मजबूरी को झेला।।

तुम्हारी यादों में खोया,
कैसे अपने आप को भुलाया।
तुम्हारी बिना जीना अब,
कैसे इसे सहाया।।

वादे किये थे तुमने साथ,
प्यार किया था हमने अपनी जान से।
पर अब तुमने तोड़ दिए इन कगारों को,
छोड़ गए हमें तन्हाई में अकेले।।

तुमने हमेशा कहा था मुझसे प्यार है,
पर तुम्हारे चेहरे पर अब ये दिखाई नहीं देता।
तुमने बस तोड़ दिया हमारा दिल,
जाने क्यों तुम्हे हम पर इतना ग़ुस्सा आता है।।

ब्रेकअप का दर्द है ऐसा,
जैसे जीने की एक राह बंद है।
पर चलते हैं हम, इसे भूलकर,
बनेगा नया कोई खुदा ही सहारा।।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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