विच्छेद: एक अलगाव


तेरी यादों के सहारे,
मैं जीता था हर बार।
पर तू चली गई मेरे जीवन से,
छोड़ के मेरे दिल को बेचैन।

तेरे बिना कैसे जिए,
मैं ये नहीं जान पाता।
तेरी यादों से भरपूर,
मेरा दिल अब रो देता।

तुझसे मिलकर मिलती थी,
खुशियां सारी मुझे।
पर अब वो सभी लम्हें,
लगते हैं बेमिसाल।

तू ने चली गई मेरे जीवन से,
छोड़ के मेरे दिल को बेचैन।
पर तेरी यादों में ही है,
मेरी खुशियों का सबसे अच्छा गान।

अब मैं एकाकी हूँ,
तेरे बिना सब अधूरा है।
पर खुदा से बस एक दुआ है,
तू खुश रहे, ये मेरी फरियाद है।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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