उठो, जागो, पुष्प बनो
अपने सपनों को सजाओ
हिम्मत और जज्बे से
अपनी मंजिल पाओ
खुद को पहचानो, खुद को समझो
अपने अंदर की आग भड़काओ
संघर्ष का सामना करो
हर चुनौती को भले से संभालो
जीवन की राह पर लहराओ
अपने सपनों को सच करो
हर चरण पे एक नया सफ़र
उस सफ़र में खुद को पाओ
ज़िंदगी का सफ़र है यह
जो चलना, जो जीना, सब कुछ
हिम्मत और जज्बे से भरो
अपने अंदर की आग परिवर्तन करो।
-कवि लोकेश
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