तुम्हारा मेरे दिल में समाया था,
जैसे तारे आसमान में चमके थे।
हमारी मुलाकातों में था जो कभी गुनगुनाहट,
वो अब बन गया है एक गहरी तन्हाई की राह।
तुम्हारी नगरी में हर कोने में मेरा था ध्यान,
पर अब तुम्हारे दिल में बस दरारें हैं।
वादों का तेवर जो था सब कुछ सच लगता था,
जो अब अधूरा रह गया है और अनपूर्ण।
ब्रेकअप का दर्द इस दिल को तोड़ देता है,
समझा नहीं सकते वो दर्द किसी को भी।
पर गुजरते वक्त की लहरों में हम भी हैं,
बस यादें हैं जो हमें आज भी रुला देती हैं।
वो मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है,
जिसमें हमारा रिश्ता भी अब सिर्फ गिला है।
शायद इस हीसे में ही छुपी है खुशियाँ,
जिन्हें हमने तुम्हारे साथ खो दिया है।
ब्रेकअप का दर्द न कभी मिटेगा,
पर यादें हम साथ लेकर चलेंगे।
-कवि लोकेश
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