तुम्हारी यादें अब भी मेरे दिल में बसी हैं,
मगर तुम्हारी छोड़ने की वजह से दिल में दरार पड़ी है।
तेरी ये मोहब्बत थी मेरे लिए एक अमृत समान,
मगर तेरे खेल से मेरे जीने की सब कल्पनाएँ साँच हुई हैं।
तूने मेरी जिंदगी को रखा था एक स्वर्ग समान,
पर तेरी वजह से अब ये धरती पर ही अदान विदान हुई है।
तन्हाई में तेरी यादें सताती हैं मुझे,
तेरे बिना इस दुनिया में जीना मुश्किल हो गया है।
लेकिन अब मैं यह जान चुका हूँ,
कि तेरे बिना मैं भी जी सकता हूँ और सच में जी रहा हूँ।
तू गई है तो गई है, अब कोई ग़म नहीं है मुझे,
क्योंकि तेरे बिना मैंने अब स्वयं को पहचान लिया है।
तू हो सिखाई एक बहुत बड़ी सबक,
कि प्यार करने के चक्कर में अपने आप को खोना भी कई बार हैं।
कोई चीर कोई ततोल, कोई तोड़, कोई छोड़,
पर सबको तो पड़ ही गया जैसे इस ब्रेकअप की खबर।
पर आज मैं खड़ा हूँ यहाँ सीखते हुए,
कि खुद को हार के बस अपने से प्यार बढ़ाना ही है ज़रूरी।
तू गई है और मैं भी गया हूँ आज,
कोई जुदा होने का ग़म नहीं रहा अब हमारे बीच।
ब्रेकअप की चोटी से आज मैंने सिख लिया है,
कि जीना है तो खुद को प्यार करना सीखना है।
जी लेते हैं अब मैं अपने साथ खुशियों के लम्हे,
क्योंकि तेरे बिना भी जिना मुश्किल नहीं है मुझे।
तेरे बिना भी मैं जी सकता हूँ, और सच में जी रहा हूँ।
तू गई है तो गई है, अब कोई ग़म नहीं है मुझे।।
-कवि लोकेश
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