वादा करते थे हम एक दूसरे से,
प्यार का इकरार करते थे हम एक दूसरे से।
पर क्या हुआ, कहां गलती हो गई,
हमारी मोहब्बत में क्यों एक खालत हो गई।
तुमने कहा अब हमें अलविदा कहना होगा,
मेरे दिल में तोड़ के रख दिया तुमने ये वादा।
कैसे भूला सकूंगा मैं तुझे दिल से,
तेरी चाहत को भुलाना होगा मुश्किल है दिल से।
मेरी सांसों में तेरी खुशबू है अब भी,
मिलने की तमन्ना है मेरी इस दिल में अब भी।
पर तुमने तोड़ दिया मेरा दिल तोड़ कर,
अब मैं अकेला हूँ, दर्द छिपा कर कर कर।
खतम हुआ सफर हमारा एक दूसरे के साथ,
अब भटकते हैं हम अकेले, खुद को खोकर खोकर।।
-कवि लोकेश
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