अलग होने का दर्द


दिल टूट जाए तो कैसे जीवन चलता है,
किसी का साथ छूट जाए तो कैसा विश्वास होता है।

छोड़ दिया है तुमने मुझे अकेला,
जीवन का सफर अब लगता अनजाना।

मेरे दिल को तोड़ कर तुमने,
किए सारे अपने वादे फिर भूल गए।

तुम्हें नहीं जानते मेरी दर्द-भरी राहें,
कैसे करूं मैं तुम्हें भूल जाऊं।

क्या था वो चाहते हमारे बीच,
अब लगता है जैसे था सब नकली सच।

क्या गुनाह किया है मैंने जिन्दगी में,
कि है तुम्हें मुझसे इतना नफरत।

अब है मुझे अकेलापन का हसीना,
खोया है हर सपना, बिना तुम्हारा सहारा।

जिंदगी भर याद रहेगी तुम्हारी मुस्कान,
पर खो दिया है मुझे तुम्हारे प्यार का अहसास।

दिल टूट जाए तो कैसे जीवन चलता है,
किसी का साथ छूट जाए तो कैसा विश्वास होता है।

-कवि लोकेश


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Lokesh T

एक हिंदी कवि के रूप में, मैं अपने शब्दों के माध्यम से जीवन की सुंदरता, जटिलता और बारीकियों को पकड़ने का प्रयास करता हूँ। अभिव्यक्ति की इस यात्रा में मेरे साथ जुड़ें क्योंकि मैं कविता की शक्ति के माध्यम से अपने विचारों, भावनाओं और अनुभवों को साझा करता हूँ।

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